इस पोस्ट के माध्यम से मैं आपको Navratri के 9 देवियों के बारे में बताने जा रहा हूं। साथ ही अगर आप चाहे तो Navratri 9 devi के images download कर सकते हैं।
Maa Durga Image |
दुर्गा शक्ति का प्रतीक है। यह वर्ष में दो बार चैत्र तथा आश्विन माह मनाया जाता है। आश्विन माह में मां दुर्गा की आराधना का विशेष महत्व है। पौराणिक कथाओं में सभी देवताओं ने मिलकर आदि शक्ति मां दुर्गा की संरचना की, क्योंकि पृथ्वी पर अमरत्व प्राप्त राक्षस तांडव मचा रहे थे। उनसे बचने के लिए शक्ति स्वरूपा, शक्ति का प्रतीक मां दुर्गा की आराधना कर राक्षसों पर विजय प्राप्त करने के लिए मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। तथा दसवे दिन हमलोग खुशी मनाते हैं। इस प्रकार नवरात्रि की पूजा को नवरात्रा कहते हैं और दसवे दिन को दशहरा कहते हैं। इस दिन हम लोग बड़े ही उत्साह के साथ दशहरा मनाते हैं। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है।
मां दुर्गा के नौ रूप ।। Maa Durga ke 9 roop with images
Maa Shailputri Image |
1) शैलपुत्री
शैलपुत्री - शैल का अर्थ पहाड़- पर्वत, शक्ति का प्रतीक, सामर्थ्य का प्रतीक है। जिस प्रकार हिमालय अपनी शक्ति और सामर्थ्य के साथ खड़ा है ठीक उसी प्रकार हिमालय के घर में जन्म लेने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। इनका पूजन मंत्र के साथ किया जाता है ताकि इनकी शक्ति जागृत हो। यह अध् चंद्र धारण करने वाली, वृष् यानी बैल पर सवार करने वाली देवी है। यह मान्यता है, इनकी आराधना से बल, आयु और धन की प्राप्ति होती है।
Maa Brahmacharini Image |
2) ब्रह्मचारिणी
ब्रह्मचारिणी - मां दुर्गा का दूसरा रूप ब्रह्मचारिणी है। पर्वत दास की पुत्री बन कर पार्वती के नाम से जन्म लिया।इनकी आराधना मनोकामना पूर्ति के लिए की जाती है। इनकी एक हाथ में अक्षमाला और दूसरे हाथ में कमंडल है। तथा यह तपस्वी की तरह है, जिस कारण ही इन्हें ब्रह्मचारिणी के नाम से जाना जाता है, और इसी नाम से आराधना की जाती है।
Navratri third day image
Chandraghanta Devi Image |
3) चंद्रघंटा
चंद्रघंटा - मां दुर्गा का तीसरा रूप है। इनके माथे पर अर्धचंद्रमा विराजमान है, जिस कारण इनका नाम चंद्रघंटा पड़ा। इनके दसों हाथ अस्त्र-शस्त्र से भरे हैं। इनकी आराधना से मन को शांति प्राप्त होती है। यहां तक की परलोक में भी आत्म संतोष प्राप्त होता है। यह एक चमत्कारिक देवी हैं। पौराणिक कथाओं में इनके मंदिर में पानी से दीपक जलने की बात बतलाई गई है। यह तो अलौकिक शक्ति का दूसरा नाम है। इनकी आराधना से मानव का कल्याण होता है।
Navratri fourth day images
Kushmanda Devi Image |
4) कुष्मांडा
मां कुष्मांडा - मां दुर्गा का चौथा रूप कुष्मांडा हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार ब्रह्मांड की रचना इन्होंने की। इनकी आठ भुजाएं हैं और यह जंगलराज सिंह की सवारी पर बैठकर सातों हाथों में चक्र, गदा, धनुष, कमंडल, कलश, बाण और कमल है। इनकी पूजा-अर्चना मंत्रो के उच्चारण के साथ की जाती है। इनकी आराधना मात्र से सभी कार्यों में मनोवांछित फल प्राप्त होता है। ग्रहों के दोष के निवारण हेतु इनकी आराधना की जाती है।
Skandmata image |
5) स्कंदमाता
स्कंदमाता - स्कंद की मां होने के कारण इनका नाम स्कंदमाता पड़ा। इनकी सवारी शेर है। इनके चारों ओर सूर्य की भांति तेज प्रकाश युक्त अलौकिक शक्ति को प्रकट करने वाली ज्योति है। इन्हें सूर्य मंडल की देवी भी कहा जाता है। यह सभी दुर्गा के प्रतिक ही हैं। इनकी आराधना से शक्ति प्राप्त होती है।
Katyani Mata ki Photo |
6) कात्यायनी
कात्यायनी - चार पुरुषार्थ धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति हेतु मां दुर्गा के कात्यानी रूप की आराधना की जाती है। इनका रंग सोने की तरह चमकीला है। इनका वाहन सिंह है, इनकी चार भुजाएं हैं और इनकी अराधना मात्र से चार पुरुषार्थ को बल मिलता है।
7th day of navratri images
Maa Kalratri Image |
7) कालरात्रि
कालरात्रि - इनका वर्ण काला होने के कारण, कालरात्रि नाम दिया गया है। इनमें आशुरिक शक्ति है। यह तमाम आशुरीक शक्ति को विनाश करने की शक्ति रखते हैं। इनका चमत्कारिक महत्व है।
Mahagauri Image |
8) महागौरी
महागौरी - इनका स्वरूप गोरा है। इनके वस्त्र सफेद है। वृषभ इनका वाहन है। तपस्या के कारण इनका रंग काला हो गया था। भगवान शिव ने इनका रंग गोरा किया।
Maa Siddhidatri Image |
9) सिद्धिदात्री
सिद्धिदात्री - सभी सिद्धियों पर विजय प्राप्त करने वाली देवी है। यही कारण है कि इनका नाम सिद्धिदात्री पड़ा। शेर इनकी सवारी है। आठ सिद्धियों की प्राप्ति हेतु सिद्धिदात्री देवी की आराधना की जाती है।
नवरात्रि 2020 कब है ।। Navratri 2020 Dates
नवरात्र मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना 17 अक्टूबर 2020 को आरंभ हो रही है। जो 25 अक्टूबर 2020 को समाप्त होगी। दुर्गा के नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाती है। मां दुर्गा का पहला स्वरूप शैलपुत्री है, दूसरा रूप ब्रह्मचारिणी है,तीसरा रूप चंद्रघंटा, चौथा रूप कुष्मांडा, पांचवा रूप स्कंदमाता, छठा रूप कात्यायनी, सातवां रूप कालरात्रि , आठवां रूप महागौरी और नवमा रूप है।
अक्टूबर 17, 2020 - मां शैलपुत्री पूजा
अक्टूबर 18, 2020 - मां ब्रह्मचारिणी पूजा
अक्टूबर 19, 2020 - मां चंद्रघंटा पूजा
अक्टूबर 20, 2020 - मां कुष्मांडा पूजा
अक्टूबर 21, 2020 - मां स्कंदमाता पूजा
अक्टूबर 22, 2020 - कात्यायनी पूजा
अक्टूबर 23, 2020 - मां कालरात्रि पूजा
अक्टूबर 24, 2020 - मां महागौरी दुर्गा पूजा
अक्टूबर 25, 2020 - मां सिद्धिदात्री पूजा
दुर्गा जी के नौ रूपों की आराधना
नवरात्रि का पूजन पापों को हरने के लिए किया जाता है।
'हर ते 10 पापनी तस्मात् दशहरा स्मृता ' 10 पापों को हरने के कारण नवरात्रि के अगले दिन दशहरा कहलाता है। यह 10 पाप है - अनंता, असमर्थता, अंकिता, अकर्मण्यता, दीनता, भीरूता, परमुखापेक्षीता, शिथिलता, संकीर्णता तथा स्वार्थपरता।
मां दुर्गा की जो प्रतिमा होती है उसकी सजावट, उसकी व्यवस्था, उनकी कार्यशैली, सिंह वाहिनी, शक्ति को प्रदर्शित करती है। उनके दाएं, पांचों हाथ में त्रिशूल, खड़क, चक्र, बाण,शक्ति तथा बाएं हाथ में गदा, धनुष, पाश, अंकुश तथा फरसा होता है।दुर्गा जी के दाएं भाग में लक्ष्मी है और बाएं भाग में सरस्वती हैं। एक ओर धन की देवी तो दूसरी और ज्ञान की देवी। दोनों उनके बाएं दाएं हैं। लक्ष्मी के दाएं गणेश तथा सरस्वती के बाय कार्तिक की उपस्थिति मां दुर्गे को और भी शक्तिमान बनाती है। इस प्रकार मां दुर्गा अपने साथी तथा समस्त शास्त्रों का प्रयोग करते हुए असुरों का विनाश करती हैं। और हम लोग नवरात्रि करने के बाद अगले दिन दशहरा मनाते हैं।